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Showing posts from February 10, 2019

देश के रखवालों तुम न रुको, बस चलते रहो!

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इतनी नफ़रत, इतना द्वेष, क्यों और किस लिए? क्या चाहते हो, क्या मांगते हो, जो दे नहीं पाता भगवान और यह देश? हज़ारों शहीद हुए, हज़ारों की जाने गयीं, रह गए पीछे सिर्फ अश्रु, रह गयीं पीछे सुनी कलाई, हज़ारों अनाथ हुए, हज़ारों बेघर किये, रह गए पीछे सिर्फ अश्रु और बुझे दिए, क्यों लाना चाहते हो यह सैलाब, जिसमें रह जाते हैं पीछे सिर्फ सुने दिल और टूटे ख़्वाब! इतनी नफ़रत, इतना द्वेष, क्यों और किस लिए? क्या चाहते हो, क्या मांगते हो, जो दे नहीं पाता भगवान और यह देश? धर्म के रखवालों अब बस करो, क्यों करते हो इतना बैर, हम सब एक नहीं, पर हम सब इतने अलग भी नहीं, क्यों नहीं पहचानते, क्यों नहीं समझते, यह दुश्मनी, यह नफ़रत अपने दिल में जो समाये बैठे हो, तुम्हें और तुम्हारों को भी ध्वस्त कर जाएंगी, आंसू छलकते रहेंगे, ज़िंदगियाँ बर्बाद होती रहेंगी, कुछ न मिलेगा द्रोह से और विद्रोह से ! धर्म के रखवालों अब बस करो! इतनी नफ़रत, इतना द्वेष, क्यों और किस लिए? क्या चाहते हो, क्या मांगते हो, जो दे नहीं पाता भगवान और यह देश? देश के रखवालों तुम न रुको, बस चलत...

MERI MARZI!

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Ok, now this is something I just don't understand. Or maybe that's because I am soft in the head just like the foolish Pune Police force who has many-a-times tried but horribly failed to enforce the helmet rule. What is it with the Pune public refusing to don helmets when driving their 2-wheeled chariots, for their own safety? Are their heads as hard as their hearts, providing them protection from all kinds of injuries, physical and psychological? Or has God bestowed on them a boon, a few fools such as me are unaware of. Wearing helmets leads to spinal problems and hair loss they say. These brave hearts are also unable to drive properly because the helmets are heavy and do not let them hear anything. According to most, if people ride slowly on local roads, they negate the chances of accidents, and the need for helmet laws. The logic is indisputable. Hair loss, hearing loss, spinal issues can destroy a person, his family and his happy life. So, when experts say ...