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Showing posts from March 29, 2020
पाप का घडा जब भर जाता है भगवान का सामना करना पड़ जाता है जुल्म बहुत करें हैं धरती पर अब देना पड़ रहा है भारी कर अब तो ठहर जाओ अब तो रुक जाओ बस करो परवानों सहज जाओ दिवानो लालसा की कोई सीमा नहीं महतवकाषा की कोई कमी नहीं कहां जाना है कहां जाओगे क्या चाहते हो क्या पाओगे जो पाया है सब खो दोगे जब यह धरती नहीं तो हम नहीं संभल जाओ ठहर जाओ एक नयी लहर ले आओ यह गीत बहुत पुराना है पर नया कुछ कर दिखाना है अब तो ठहर जाओ अब तो रुक जाओ बस करो परवानों सहज जाओ दिवानो